गुरुवार, 1 अगस्त 2024

मॉडर्न दोहे

 

ओला ऊबर दोऊ खड़े, ड्राइवर कहीं न जाय

बलिहारी सरकार की, जो मेट्रो रही चलाय।

 

बुड्ढाड़ा बजार में, माँगे सबकी ख़ैर

मोटर-स्कूटर हैं बहुत, दब ना जाए पैर।

 

मोबाइल छीन के हाथ से, ले गए चोर उड़ाय

रोवन से कुछ होत ना, दूजा फ़ोन ही लायँ

 

पोथी पढ़ि-पढ़ि जग मुआ, पण्डित भया न कोय

व्हाट्स ऐप को जो पढे़, उसी की चरचा होय।

 

मित्रो बरगर खाइए, मन का आपा खोय

चूल्हा-चक्की से बचे, बच्चे भी ख़ुश होय।

 

मित्रो बकबक कीजिए, ऐसी जुगत लगाय

असली मुद्दे से सबका, ध्यान भटकता जाय

कोई टिप्पणी नहीं: