डरने की कोई बात नहीं
हाँ, डरने की कोई बात नहीं
डरने की कोई बात नहीं
भई, डरने की कोई बात नहीं!
चाहे घर में खूसट सास हो
दफ़्तर में भयन्कर बॉस हो
पर जब तक दिल में आस हो
भई, डरने की कोई बात नहीं!
हाँ, डरने की कोई बात नहीं!
चाहे काम से जी घबराता हो
सब उलट-पुलट हो जाता हो
पर गाना गाना आता हो
तो डरने की कोई बात नहीं!
भई, डरने की कोई बात नहीं!
चाहे नई पड़ोसन सुन्दर हो
और पति दिलफेंक छुछुन्दर हो
उसे लन्च में रोज़ चुकन्दर दो
भई, डरने की कोई बात नहीं!
हाँ, डरने की कोई बात नहीं!
ननदों की चुगली ख़ूब करो
नित दिन हसबेण्ड के कान भरो
पकड़ी जाओ तो ख़ूब लड़ो
भई, डरने की कोई बात नहीं!
हाँ, डरने की कोई बात नहीं!
भाई हो ’उनका’ या हो बहन
(’उनका’, यानी पति का)
भाई हो ’उनका’ या हो बहन
कर दो तुम सबकी नाक में दम
तुम चिकेन हो, हैं वो आलू दम
भई, डरने की कोई बात नहीं!
हाँ, डरने की कोई बात नहीं!
ग़र पति मिलें हों हाँकू राम
हों डींग मारते सुबहो-शाम
इस कान सुनो उस बाहर कान
भई, डरने की कोई बात नहीं!
हाँ, डरने की कोई बात नहीं!
पति जीव नहीं इक हौआ है
तुम कोयल हो, वह कौआ है
तुम बोतल हो, वह पव्वा है
भई, डरने की कोई बात नहीं!
हाँ, डरने की कोई बात नहीं!
पति के झाँसे में मत आओ
उसे शेर समझ मत डर खाओ
ख़ुद शेराँवाली बन जाओ
भई, डरने की कोई बात नहीं!
हाँ, डरने की कोई बात नहीं!
पति क्या जाने कि तुम क्या हो
वह टाइटन है, तुम राडो हो
पति मोज़ा है, तुम प्लाज़ो हो
भई, डरने की कोई बात नहीं!
हाँ, डरने की कोई बात नहीं!
पति मर जाने की बात करें
तो चॉकलेट उनके हाथ धरें
मीठा खा कर शुभ कर्म करें
भई, डरने की कोई बात नहीं!
हाँ, डरने की कोई बात नहीं!
हँसे बीवी पर दुनिया सारी
अब आई ’ममता’ की बारी
कहिए कैसी थी तैयारी
भई, डरने की कोई बात नहीं!
हाँ, डरने की कोई बात नहीं!
डरने की कोई बात नहीं
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