सिद्धिदात्री की शरण जो आ गया, सो पा गया!
जो
आ गया, सो पा गया!
माँ
के नौवें रूप का आनन्द सब पर छा गया!
जो
आ गया, सो पा गया!
सिद्ध
क्या, गंधर्व क्या, यक्ष क्या, और देव क्या
मानव-असुर
की बात क्या, इस लोक और उस लोक क्या
माँ
सिद्धिदात्री की कृपा से शिव में भी बल आ गया
जो
आ गया, सो पा गया!
जो
आ गया, सो पा गया!
हैं
सिद्धियाँ जो आठ सारी, माँ के वश में हैं सभी
अर्द्धनारीश्वर
हुए भगवान पाकर ये सभी
माँ
का स्मरण कर बावला मन बस में अपने आ गया
जो
आ गया, सो पा गया!
जो
आ गया, सो पा गया!
माँ
सिद्धिदात्री का करें श्रद्धा से सुमिरन भक्त जन
भय
मृत्यु का जाता रहे, टल जाए हर दुर्घटना प्रबल
तिल
का किया अर्पण उन्हें, भय मुक्त जीना आ गया
जो
आ गया, सो पा गया!
जो आ गया, सो पा गया!
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