बुधवार, 7 अगस्त 2024

दुर्गा रूप 9 - सिद्धिदात्री

 सिद्धिदात्री की शरण जो आ गया, सो पा गया!

जो आ गया, सो पा गया!

माँ के नौवें रूप का आनन्द सब पर छा गया!

जो आ गया, सो पा गया!

 

सिद्ध क्या, गंधर्व क्या, यक्ष क्या, और देव क्या

मानव-असुर की बात क्या, इस लोक और उस लोक क्या

माँ सिद्धिदात्री की कृपा से शिव में भी बल आ गया

जो आ गया, सो पा गया!

जो आ गया, सो पा गया!

 

हैं सिद्धियाँ जो आठ सारी, माँ के वश में हैं सभी

अर्द्धनारीश्वर हुए भगवान पाकर ये सभी

माँ का स्मरण कर बावला मन बस में अपने आ गया

जो आ गया, सो पा गया!

जो आ गया, सो पा गया!

 

माँ सिद्धिदात्री का करें श्रद्धा से सुमिरन भक्त जन

भय मृत्यु का जाता रहे, टल जाए हर दुर्घटना प्रबल

तिल का किया अर्पण उन्हें, भय मुक्त जीना आ गया

जो आ गया, सो पा गया!

जो आ गया, सो पा गया!

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