धवल वर्ण है, धवल वस्त्र हैं, धवल है उनका वाहन
महागौरी के चरणकमल में तन-मन हो जाता
पावन
सबका तन-मन हो जाता पावन
दुख-दोष, पाप से टकराना, जीवन का
ही तो पहलू है
सुख हवा का ठंडा झोंका है, तो दुख
भीषण जलती लू है
हो हार-जीत में निर्विकार जो, सफल
है बस वो ही जीवन
महागौरी के चरणकमल में तन-मन हो
जाता पावन
सबका तन-मन हो जाता पावन
पार्वती का वो जप-तप, काली का वो
भीषण संग्राम
तन-मन हैं किन्तु वश में और अधरों
पर फैली है मुस्कान
महागौरी की शान्त छवि लगती है कितनी
मनभावन
महागौरी के चरणकमल में तन-मन हो जाता
पावन
सबका तन-मन हो जाता
पावन
इक हाथ में बाजे डमरू, इक हाथ त्रिशूल
महान
इक हाथ अभय है देता, इक हाथ दे
वर का दान
श्याम-श्वेत के अनुभव का जीवन में
होता प्लावन
महागौरी के चरणकमल में तन-मन हो
जाता पावन
सबका तन-मन हो जाता पावन
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