ओ पतिदेव मेरे
अरे ओ पतिदेव मेरे
पैंतिस बरस गुज़ारे,
पैंतिस
बरस गुज़ारे
तुमसे डरे डरे
ओ पतिदेव मेरे
तुम थे खेत के ट्रैक्टर
मैं सुन्दर मोटर,
स्वामी
मैं सुन्दर मोटर
तुम कीचड़ में लिपटे,
तुम
कीचड़ में लिपटे
और मैं थी निर्मल
ओ पतिदेव मेरे
मैं इक कोमल बाला
तुम खूसट बुड्ढे,
स्वामी
तुम खूसट बुड्ढे
ढूँढ़ते रहते हरदम,
ढूँढ़ते
रहते हरदम
बकरा कौन मिले
ओ पतिदेव मेरे
हड्डी चबाते प्रियवर
व्हिस्की भी पीते,
स्वामी
व्हिस्की भी पीते
मुझे लहसुन-प्याज़ से नफ़रत,
लहसुन-प्याज़
से नफ़रत
कहो दिन कैसे बीतें
ओ पतिदेव मेरे
मैं खटती हूँ दिन भर
तुम लम्बी सोते,
स्वामी
तुम लम्बी सोते
मैं ठंडा टिफ़िन खाऊँ,
ठंडा
टिफ़िन खाऊँ
तुम्हें गरमागर्म मिले
ओ पतिदेव मेरे
मैकेवाले मेरे
तुमसे भय पाते,
स्वामी
तुमसे भय पाते
हर सुन्दर कन्या को,
हर
लवली ब्यूटी को
साली समझ जाते
ओ पतिदेव मेरे
मेरे लिये हो अगोचर
तो हो किसके
प्राणपति, स्वामी किसके
प्राणपति
करवाचौथ पे तुम्हरी,
करवाचौथ
पे तुम्हरी
कहो कैसी पोल खुली
ओ पतिदेव मेरे
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