गुरुवार, 1 अगस्त 2024

करवाचौथ की आरती

                                                                       ओ पतिदेव मेरे

अरे ओ पतिदेव मेरे

पैंतिस बरस गुज़ारे, पैंतिस बरस गुज़ारे

तुमसे डरे डरे

ओ पतिदेव मेरे

 

तुम थे खेत के ट्रैक्टर

मैं सुन्दर मोटर, स्वामी मैं सुन्दर मोटर

तुम कीचड़ में लिपटे, तुम कीचड़ में लिपटे

और मैं थी निर्मल

ओ पतिदेव मेरे

 

मैं इक कोमल बाला

तुम खूसट बुड्ढे, स्वामी तुम खूसट बुड्ढे

ढूँढ़ते रहते हरदम, ढूँढ़ते रहते हरदम

बकरा कौन मिले

ओ पतिदेव मेरे

 

हड्डी चबाते प्रियवर

व्हिस्की भी पीते, स्वामी व्हिस्की भी पीते

मुझे लहसुन-प्याज़ से नफ़रत, लहसुन-प्याज़ से नफ़रत

कहो दिन कैसे बीतें

ओ पतिदेव मेरे

 

मैं खटती हूँ दिन भर

तुम लम्बी सोते, स्वामी तुम लम्बी सोते

मैं ठंडा टिफ़िन खाऊँ, ठंडा टिफ़िन खाऊँ

तुम्हें गरमागर्म मिले

ओ पतिदेव मेरे

 

मैकेवाले मेरे

तुमसे भय पाते, स्वामी तुमसे भय पाते

हर सुन्दर कन्या को, हर लवली ब्यूटी को

साली समझ जाते

ओ पतिदेव मेरे

 

मेरे लिये हो अगोचर

तो हो किसके प्राणपति, स्वामी किसके प्राणपति

करवाचौथ पे तुम्हरी, करवाचौथ पे तुम्हरी

कहो कैसी पोल खुली

ओ पतिदेव मेरे

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