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Amitabh Varma Literature अमिताभ वर्मा साहित्य
गुरुवार, 6 फ़रवरी 2025
अकेली औरत
अकेली औरत
सामान्य पुरुष के लिए
गम की मानिंद होती है।
उसकी महक से तरोताज़ा होने
चुभलाकर उसका स्वाद लेने
और
दाँतों के बीच उसे पीसने
के बाद
जब उसका रस निचुड़ जाता है
तो वह उसे
थूक देता है।
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